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Wednesday, August 2, 2017

Fixed Deposit Vs Mutual Fund (हिंदी)

कभी कभी हम सबको एक सवाल मन में आता है,
फिक्स्ड डिपोजिट और म्युच्युअल फंड में से कौन सा विकल्प सही है?

इस सवाल का जवाब एक झटके से देना उचित नहीं है|

सबसे पहले तो हमें फिक्स डिपोजिट और म्युच्युअल फंड के बारे में विस्तार से समजना होगा|

फिक्स डिपोजिट बैंक प्रदान करता है| जिसमे आपको कुछ पैसे कुछ समयावधि के लिए बैंक के पास फिक्स कर देने होते है, इस पर बैंक थोडा ज्यादा ब्याज देती है| यदि आपके पास पूरे पैसे नहीं भी हो तो रिकरिंग डिपोजिट के प्रयोग से हर महीने थोड़े थोड़े पैसे भी जमा कर सकते है| बैंक इसी पैसे को लोन के तौर पर देता है और धनलाभ कमाता है| फिक्स या रिकरिंग डिपोजिट जब मेच्योर होती है, तब आपको उसी समय की ब्याजदर समेत मूल 100% गारंटी से वापिस मिल जाता है, जिस समय आपने उसे शुरू किया था|

म्युच्युअल फंड व्यावसायिक बाजार से और ख़ास कर शेयर मार्केट से जुड़ा हुआ स्कीम है| इसमें आप जिस संस्था के पास पैसा जमा करते है, वही संस्था उस पैसे को अलग अलग जगह (जैसे, शेयर, सोना, बोन्ड आदि में) इन्वेस्ट कर देती है और उससे धनलाभ उठाती है| म्युच्युअल फंड में जब आप फंड बेचकर पैसा वापिस ले, तो उसकी किंमत ज्यादा भी हो सकती है, कम भी हो सकती है और दिवालिया होने पर पैसे डूब भी सकते है!!!

निष्कर्ष

दोनों में से कहा पैसा दे, इसके लिए सबसे पहले खुद से सवाल करे: मुझे इस पैसे की बचत करनी है या इन्वेस्टमेंट?

यदि आपका उद्देश्य बचत करना है, तो फिक्स या रिकरिंग डिपोजिट ही सही विकल्प है क्योंकि उनमे मैच्योरिटी के समय ब्याज समेत मूल रकम मिलने की गारंटी होती है|

यदि आपका उद्देश्य पैसे को इन्वेस्ट करना है, तो शेयर, सोना, बोंन्ड, म्युच्युअल फंड इत्यादि तो है ही!

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