आज ईन्टरनेट एक अच्छी तकनिक बन गयी है। लेकिन कई बार सुनने को मिलता है, की
इसकी बजह से बच्चे और युवा गलत रास्ते पर जा रहे है। और हम लोग ईन्टरनेट
को इसका जिम्मेदार मानते रहते है। पहले मै एक बात साफ कर देना चाहता हुँ की
ईन्टरनेट खराब नहिं है, खराब हमारी सोच है। हमारी सोच जैसी होती है, हम
वैसे ही वेबसाईट्स ईन्टरनेट से सर्च करते रहते है।
ईन्टरनेट हमें किसी भी सोच या विचार पर अंदर जाने के लिए गति प्रदान करता है, दिशा तय करना हमारे हाथ में है।
आपको हर बार ईन्टरनेट कनेक्ट करने से पहले ईश्वर से यह प्रार्थना जरूर कर लेनी चाहिए।
ॐ आ नो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतो अदब्धासो अपरितासो उद्भिज्ञ ।
देवानो यथा सदमीद् वृध्धे असन्ना प्रायुवो रक्षितारो दिवे दिवे ॥
हमें हर जगह से उत्तम विचार मिले, जो कभी न दबे, कभी न घीरे और हमारी हर बाधाओं से लड़ सके| ताकी ईश्वर हमारे लिए सदैव उन्नतिकारक बने और बिना किसी प्रमाद के हमारे प्रतिदिन रक्षक बने|
मैं जिस कोलेज में पढता हु, उसका motto भी यही है|
ईन्टरनेट हमें किसी भी सोच या विचार पर अंदर जाने के लिए गति प्रदान करता है, दिशा तय करना हमारे हाथ में है।
आपको हर बार ईन्टरनेट कनेक्ट करने से पहले ईश्वर से यह प्रार्थना जरूर कर लेनी चाहिए।
॥ ॐ आ नो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतो ॥ रूग्वेद की रूचा १.८९.१ ||
अर्थात् हमें चारो ओर से अच्छे विचार प्राप्त हो।
आप चाहे तो पूरी रूचा बोल सकते है।
ॐ आ नो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतो अदब्धासो अपरितासो उद्भिज्ञ ।
देवानो यथा सदमीद् वृध्धे असन्ना प्रायुवो रक्षितारो दिवे दिवे ॥
हमें हर जगह से उत्तम विचार मिले, जो कभी न दबे, कभी न घीरे और हमारी हर बाधाओं से लड़ सके| ताकी ईश्वर हमारे लिए सदैव उन्नतिकारक बने और बिना किसी प्रमाद के हमारे प्रतिदिन रक्षक बने|
मैं जिस कोलेज में पढता हु, उसका motto भी यही है|
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